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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान: परिवार में तीन बच्चे जरूरी, धर्मांतरण से बढ़ रहा आबादी का असंतुलन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल ही में जनसंख्या और धर्मांतरण के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “हर परिवार में तीन बच्चे होने चाहिए, क्योंकि धर्मांतरण की वजह से देश में जनसंख्या का असंतुलन बढ़ रहा है।”

भागवत ने स्पष्ट किया कि देश की जनसंख्या नीति संतुलित और समान रूप से लागू होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल एक वर्ग या समुदाय पर कानून लागू करने से समाधान नहीं निकलेगा, बल्कि सभी पर समान रूप से लागू करने से ही संतुलन बना रहेगा।

आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि जनसंख्या संतुलन देश की एकता और स्थिरता के लिए जरूरी है। अगर किसी कारणवश यह असंतुलन बिगड़ता है तो उसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

उन्होंने यह भी दोहराया कि संघ केवल सलाह देता है, सरकार फैसले लेती है। समाज को जागरूक करना और संतुलित सोच की ओर प्रेरित करना ही संघ का उद्देश्य है।

भागवत के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कुछ इसे सामाजिक दृष्टिकोण से जरूरी बता रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं।