शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन आज चीन में शुरू हो गया है। इस बहुपक्षीय मंच पर भारत, चीन, रूस समेत कई अहम देशों के नेता भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, ऊर्जा आपूर्ति और आतंकवाद जैसी अहम चुनौतियों पर चर्चा होगी। यूक्रेन युद्ध और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बदलते भू-राजनीतिक हालात को देखते हुए यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भारत इस मंच पर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने और क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर देने की संभावना है। वहीं, चीन और रूस ऊर्जा सहयोग और पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच नए विकल्प तलाशने पर जोर देंगे।
इस बैठक से यह भी उम्मीद की जा रही है कि सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को नए आयाम मिलेंगे और वैश्विक राजनीति में एक संतुलन स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठेंगे।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इस कंटेंट को न्यूज़ आर्टिकल के रूप में छोटा और सीधे लिख दूँ, या थोड़ा विस्तार और विश्लेषण जोड़कर दूँ?