कपास आयात पर ड्यूटी-फ्री छूट दिसंबर 2025 तक बढ़ी, सरकार बोली - वैश्विक बाजार में मिलेगी ताकत
भारत सरकार ने कपास आयात पर लगने वाली ड्यूटी-फ्री छूट को दिसंबर 2025 तक बढ़ाने का ऐलान किया है। इस निर्णय का उद्देश्य घरेलू वस्त्र उद्योग को मजबूती देना और भारतीय निर्यातकों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दिलाना है।
केंद्र सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे कपास की उपलब्धता और कीमतों के उतार-चढ़ाव से भारतीय वस्त्र उद्योग पर असर पड़ता है। ऐसे में ड्यूटी-फ्री आयात से उद्योग को सस्ती कच्ची सामग्री उपलब्ध होगी और उत्पादन लागत कम होगी।
सरकार ने उम्मीद जताई कि इस फैसले से टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर को विशेष लाभ मिलेगा। खासकर सूती धागा, कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट बनाने वाले निर्यातकों को इसका सीधा फायदा होगा।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस कदम से भारत का वस्त्र निर्यात न सिर्फ बढ़ेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों की पकड़ और मजबूत होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय किसानों, कपड़ा मिलों और निर्यातकों – तीनों वर्गों के लिए संतुलन बनाने का काम करेगा।
सरकार ने साफ किया कि वह वस्त्र उद्योग और निर्यात क्षेत्र की हर चुनौती में साथ खड़ी है और “मेक इन इंडिया” तथा “वोकल फॉर लोकल” के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निरंतर सुधारात्मक कदम उठा रही है।